2009 के लोकसभा चुनाव के लिए भारतीय
राष्ट्रीय कांग्रेस का घोषणा-पत्र
1. प्रस्तावना
द्रहवीं लोकसभा के चुनाव कुछ ही समय बाद
होने वाले हैं।
यह आपके लिए केंद्र में अपनी नई सरकार चुनने का समय है।
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस जनता से सादर पुन: नया जनादेश
मांगती है। हम प्रतिबद्धता व्यक्त करते हैं कि हम प्रत्येक नागरिक के सुरक्षित, गरिमामय और समृद्ध
जीवन के लिए कार्य करते रहेंगे।
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस यह नया
जनादेश कांग्रेस की नेतृत्व वाली संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार के 2004-2009 के कामकाज और उपलब्धियों के आधार पर मांगती है।
हमने अपने 2004 के घोषणा-पत्र में कई
वादे किए थे।
हमने उन वादो को काफी हद तक पूरा किया है।
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस यह नया
जनादेश अपने मुख्य आदर्शों- धर्म-निरपेक्षता, राष्ट्रवाद, सामाजिक न्याय और
सबकी, खासकर आम आदमी की आर्थिक उन्नति पर आधारित विचारधारा के आधार पर
मांगती है।
हम यह नया जनादेश अपनी विरासत, सेवा के रिकार्ड और
भविष्य की सुदृढ़ सोच के आधार पर मांग रहे हैं। हम देश की जनता, खासकर कमजोर वर्ग के लोगों के कल्याण के
लिए काम करते रहने की अपनी अनवरत इच्छाशक्ति को दोहराते हैं।
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ही एकमात्र ऐसा दल है, जो समाज के हर तबके
से शक्ति प्राप्त करता है और सबको आकर्षित करता है।
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ही एकमात्र
ऐसा दल है, जो यह विश्वास करता है कि आर्थिक विकास तथा सांप्रदायिक सद्भाव और
आर्थिक विकास तथा सामाजिक न्याय एक ही सिक्के के दो पहलू हैं तथा इनका हाथ में
हाथ लिए चलना नितांत आवश्यक है।
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ही एकमात्र
ऐसा दल है, जिसमें अनुभव, युवा शक्ति, प्रचुर विवेक, आकांक्षा तथा लक्ष्य प्राप्ति का अनोखा संगम है।
2. कांग्रेस ही क्यों?
यह राष्ट्रीय चुनाव है।
इन चुनावों में क्षेत्रीय, राज्य-स्तरीय और
स्थानीय स्तर के महत्वपूर्ण मुद्दे होंगे, लेकिन यह चुनाव ऐसी केंद्र सरकार को
चुनने के लिए होंगे, जो विविधतापूर्ण भारत पर शासन करे और जन-साधारण की आकांक्षाओं और उम्मीदों को पूरा
करे।
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ही एकमात्र
ऐसा दल है, जिसने भारत को एक विशाल राष्ट्र के रूप में देखा है और साथ ही
क्षेत्रीय तथा स्थानीय भावनाओं के प्रति भी उदारता दिखाई है।
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस कांग्रेस ही
एकमात्र ऐसा दल है, जिसने शक्तिशाली केंद्र तथा राज्यों, पंचायतों और नगरपालिकाओं के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को दर्शाया है। भारत की राजनैतिक
व्यवस्था में इन तीन-स्तरीय संस्थाओं के लिए अलग जगह होनी चाहिए क्योंकि इन्हें
अपने-अपने क्षेत्र में विशिष्ट कार्य करने होते हैं।
कुछ राज्यों में भारतीय राष्ट्रीय
कांग्रेस समान विचारधारा वाले ऐसे दलों के साथ मिलकर चुनाव लड़ रही है जो कांग्रेस की
प्रगतिशील नीति और सिद्धांतों का समर्थन करते हैं। पिछले पांच वर्षों में भारतीय
राष्ट्रीय कांग्रेस ने केंद्र में मिली-जुली सरकार को बखूबी चलाया है, जिसमें उसने अपने
सहयोगियों के विचारों को तवज्जो दी, लेकिन राष्ट्र-निर्माण के सिद्धांतों के
साथ किसी प्रकार का समझौता नहीं किया।
इसके बावजूद आज का भारत वास्तव में क्या
चाहता है–आज प्रत्येक भारतीय की चाहत राष्ट्रीय-स्तर पर एक ऐसी पार्टी की है
जिसका सारे देश में जनाधार हो। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ऐसी एकमात्र पार्टी
है।
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस एक ऐसी
पार्टी है, जिसने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के नेतृत्व में औपनिवेशिक शासन के खिलाफ
आजादी की लड़ाई लड़ी। यह वही पार्टी है जिसके नेतृत्व में, डॉ अंबेडकर के अनुसार, हमारे संविधान का
निर्माण संभव हो सका।
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस वही पार्टी
है, जिसने पं0 जवाहर लाल नेहरू के नेतृत्व में आधुनिक भारत की नींव रखी तथा संसदीय
लोकतंत्र, धर्म-निरपेक्षता, आर्थिक विकास, विज्ञान और प्रौद्योगिकी को विशेष महत्व प्रदान किया।
अपने अनुभवों से हर कदम पर सीख लेते हुए
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने समय-समय पर आई चुनौतियों का सामना करने के लिए
विशाल सार्वजनिक उपक्रमों की स्थापना पचास के दशक से ही आरंभ कर दी थी। इंदिरा जी
द्वारा साठ के दशक में बैंकों का राष्ट्रीयकरण, सत्तर के दशक में हरित और श्वेत क्रांति
तथा राजीव गांधी जी द्वारा अस्सी के दशक में संचार क्रांति और नब्बे के दशक में
आर्थिक सुधारों के कारण पिछले पांच वर्षों में काफी आर्थिक उन्नति हुई है। यही
एकमात्र ऐसी पार्टी है जो भावी सोच रखती है और मानती है कि अच्छे भविष्य का अधिकार
प्रत्येक भारतीय का है।
1947 से आज तक की तमाम उपलब्धियां भारत के लोगों की हैं: भारत के किसानों, खेतिहर मजदूरों, संगठित और असंगठित
क्षेत्र के कामगारों, प्रबंधकों, वैज्ञानिकों, इंजीनियरों, अध्यापकों,डॉक्टरों और अन्य कामगारों, उद्यमियों और व्यवसायियों की हैं। यह भारतीय
राष्ट्रीय कांग्रेस ही है,जिसने इन उपलब्धियों को हासिल करने के लिए पं0 जवाहरलाल नेहरू, लाल बहादुर शास्त्री, इंदिरा गांधी, राजीव गांधी, नरसिम्हा राव और डॉ. मनमोहन
सिंह के प्रधानमंत्रित्व के रूप में देश को राजनैतिक नेतृत्व दिया।
कांग्रेस बनाम भाजपा
धर्म-निरपेक्ष, उदार राष्ट्रवाद बनाम
संकीर्ण सांप्रदायिकता
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस हमेशा ऐसी ताकतों के विरुद्ध लड़ाई में आगे रही है, जो समाज को
बांटनाचाहती हैं और नफरत फैलाना चाहती हैं।
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने हमेशा ऐसी
विचारधाराओं का घोर विरोध किया है, जो देश के विभाजन के लिए तत्पर रहीं, जिसमें हर तरह की
सांप्रदायिकता, भाषायी संकीर्णता, क्षेत्रीयता और जातिवाद शामिल है।
भाजपा राष्ट्रीय-स्तर पर भारतीय
राष्ट्रीय कांग्रेस की मुख्य राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी बनना चाहती है।
लेकिन भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस भाजपा
के ऐसे दावों को सिरे से नकारती है क्योंकि भाजपा का देश के अनेक हिस्सों
में कोई अस्तित्व ही नहीं है।
तब भी भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस और
भाजपा के बीच मुकाबला केवल दो राजनैतिक दलों के बीच का नहीं है बल्कि यह मुकाबला ऐसी
दो राष्ट्रीय विचारधाराओं तथा ऐसे दृष्टिकोण का है कि भारत कैसा हो?
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के
धर्म-निरपेक्ष और उदार राष्ट्रवाद में हरेक के लिए स्थान है। यह कांग्रेस की सर्वसमावेशी
दृष्टि में शामिल है जबकि भाजपा का संकीर्ण सांप्रदायिक राष्ट्रवाद समाज के एक बड़े
वर्ग को बराबरी के समान अधिकार से वंचित रखता है। यह अलगाववादी सिद्धांत है।
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का
धर्म-निरपेक्ष उदारवादी राष्ट्रवाद भारत की अनेकता में एकता पर आधारित है, परंतु भाजपा का
संकीर्ण सांप्रदायिक राष्ट्रवाद ऐसी विविधताओं को खारिज करते हुए केवल
दिखावे के लिए एकता की बात करता है।
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस आम सहमति और
सहयोग की राजनीति करती है, लेकिन भाजपाअलगाववाद और नफरत की राजनीति में लिप्त है। जहां भारतीय
राष्ट्रीय कांग्रेस लोगों को जोड़ रही है, भाजपा उन्हें तोड़ने का काम करती है।
तीसरा मोर्चा - अराजकता की गारंटी
एक तथाकथित तीसरा मोर्चा भी है, जिसमें मौकापरस्त
पार्टियों का जमावड़ा लगा है। इन पार्टियों में न तो सही समझ, योग्यता और प्रतिबद्धता है, न ही उनकी सोच का कोई ठोस आधार। यह मोर्चा
मौकापरस्ती की राजनीति करने तथा व्यक्तिगत आकांक्षाओं को पूरा करने का मंच-भर है।
यह वैकल्पिक नीति देने की बात करता है, पर उसका खुलासा नहीं कर पाता। तीसरे मोर्चे
की पार्टियां सत्ता में रहने पर एक तरह का काम करती हैं, और जनता द्वारा सत्ता से
बेदखल कर दिए जाने पर दूसरी तरह का।
वामपंथी दल इस तथाकथित तीसरे मोर्चे के
गठन के मुख्य सूत्रधार हैं, जिन्होंने कांग्रेस की अगुआई वाली संप्रग सरकार को चार साल तक समर्थन दिया। इस
दौरान उन्होंने बिना जिम्मेदारी लिए अपने प्रभाव का इस्तेमाल करने का प्रयास किया।
प्रत्येक स्तर पर उन्होंने अनुशासन भंग किया तथा उन सभी सीमाओं को लांघा, जो एक मिली-जुली
सरकार चलाने के लिए अपेक्षित होती हैं। सभी महत्वपूर्ण मामलों पर
प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने उन्हें हमेशा अवगत कराया। इसके बावजूद हमारी शर्तों पर किए
गए असैनिक परमाणु करार के मसले पर वामदलों ने सरकार से अपना समर्थन वापस लिया
और किसी भी बात को सुनने से इंकार कर दिया, जिनसे पूरी तरह साफ था कि करार भारत के
हित में सर्वोपरि था।
वामदल और उनके अभी के साथी
धर्म-निरपेक्ष होने का दम भर रहे हैं लेकिन इनमें से कई पूर्व में भाजपा
के परोक्ष सहयोगी रह चुके हैं, बल्कि इनके कारण ही भाजपा का विस्तार हुआ है।
जैसा कि पूर्व का अनुभव है, तीसरा मोर्चा एक
गड़बड़झाला है और यह राजनैतिक अस्थिरता लाने वाला है। राष्ट्रीय-स्तर पर इसका खेवनहार न होने से यह
एकजुटता नहीं, बल्कि अराजकता की गारंटी है।
केवल संगठित भारत ही आतंकवाद का मुकाबला
कर सकता है
भारत की अखंडता और सुरक्षा सबसे ऊपर है।
आतंकवाद अनेक देषों के साथ-साथ भारत के लिए भी खतरा बना हुआ है।
आतंकवाद न तो किसी धर्म को जानता है, न ही इसकी कोई
राजनैतिक सीमा है। अब यह साफजाहिर हो चुका है कि यह किसी समुदाय या राजनीतिक
विचारधारा तक सीमित नहीं है। इसकानिशाना भोले-भाले निरीह लोग हैं, जिन्हें ये भ्रमित
आतंकी अपनी कायरतापूर्ण हरकतों से निशाना बनाते हैं।
अब यह बात साफ हो जानी चाहिए कि आतंकवाद
का सोच-समझकर बिना किसी भय और पक्षपात के लगातार मुकाबला किया जाना चाहिए।
आतंकवाद का मुकाबला लोगों में एकता से
ही किया जा सकता है, धर्मों में बंटकर नहीं। भाजपा की धर्मांधता आतंकवाद का मुकाबला करने में हमारी ताकत को
कमजोर करती है।
निहायत महीन धागे से बंधी समाज की
सदियों पुरानी एकता को कमजोर किए बिना केवलभारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ही आतंकवाद
का निर्णायक ढंग से मुंहतोड़ जवाब दे सकती है।
सीमापार से प्रायोजित आतंकवाद को समाप्त
करने के लिए भाजपा की भोथरी और थुल-थुल विदेश नीति कारगर नहीं है। उनकी ऐसी
नीति के कारण देश को कितनी भारी कीमत चुकानी पड़ी, यह सारा देश जानता है। उस नीति की
परिणति कारगिल की घुसपैठ, कंधार में घुटने टेकने और‘ऑपरेशन पराक्रम’ में गतिरोध के रूप में हुई।
आज भारत को एक सूझबूझभरी और ऐसी असरदार
विदेश नीति की जरूरत है जो हमारीपरंपराओं में रची-बसी हो, जिसने हमें एकता के
सूत्र में पिरोये रखा है। अपने साझा उद्देश्यों और एकता से वह हमें ताकत
देती है और उसमें हमारा विश्वास झलकता है।
नवंबर, 2008 के मुंबई हमलों के बाद कांग्रेसनीत
संप्रग सरकार ने जबर्दस्त राजनयिक अभियान चलाया, जिसने पाकिस्तान को पहली बार यह मानने
पर मजबूर किया कि उसके नागरिक उन हमलों के जिम्मेदार थे। यह हमारी सोची-समझी विदेश नीति की
एक अहम विजय थी।
संतुलन का रास्ता : कांग्रेस का रास्ता
संतुलित और बीच का रास्ता हमेषा
कांग्रेस की नीतियों का मूलमंत्र रहा है। जहां सारा संसार मंदी की चपेट में है, संतुलित बीच की राह
ने भारत को इससे बचाया।
यह सार्वजनिक और निजी क्षेत्रों के संतुलन का नतीजा है, इसमें सहकारिता और
स्ववित्त संस्थाओं की अहम भूमिका है।
यह आधुनिक अर्थव्यवस्था और पारंपरिक
उद्योगों के बीच संतुलन बनाए रखने के कारण संभव हुआ।
यह संगठित क्षेत्र में रोजगार बढ़ाने और
असंगठित क्षेत्र में जीवनयापन की सुरक्षा के संतुलन के कारण हुआ।
यह शहरी भारत की जरूरतों को पूरा करने
तथा गांवों और कस्बों में रहन-सहन के स्तर को सुधारने के संतुलन के कारण हुआ।
यह वैश्वीकरण का लाभ उठाने तथा उसे
स्थानीय समुदायों तक पहुंचाने के संतुलन के कारण हुआ।
यह सरकार के नियमन तथा उद्यमियों के
रचनात्मक उत्साह के संतुलन के कारण हुआ।
केवल भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ही जीवन
के हर क्षेत्र में, जिसमें आर्थिक और विदेश नीति शामिल हैं, इस संतुलन को बनाए रखने की पक्षधर है और
इस पर अमल करती है।
अब इस संतुलन की और भी आवश्यकता है।
3. कांग्रेसनीत संप्रग सरकार की उपलब्धियां
कांग्रेस अध्यक्ष श्रीमती सोनिया गांधी
के अथक अभियान के कारण चौदहवीं लोकसभा में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस लोकसभा
में आठ वर्षों तक विपक्ष में रहने के बाद सबसे बड़े दल के रूप में उभरकर आई।
उन्होंने संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन के गठन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई जिसमें
कांग्रेस, उसके चुनाव पूर्व गठबंधन के सहयोगी और समान विचारधारा वाली पार्टियां सम्मिलित
हुईं। संप्रग की अध्यक्ष के रूप में श्रीमती सोनिया गांधी और प्रधानमंत्री
डॉ. मनमोहन सिंह ने न्यूनतम साझा कार्यक्रम तैयार किया, जो मिली-जुली सरकार
चलाने का आधार बना।
मई, 2004 का जनादेश ‘आम आदमी’ की चिंता करने वाली ऐसी सरकार के लिए था, जो गरीब, दबे और उपेक्षित थे।
संप्रग सरकार ने इस उद्देश्य की काफी हद तक पूर्ति की।
मई, 2004 का जनादेश ऐसी सरकार के लिए था, जो आर्थिक बढ़ोतरी में
तेजी लाए औरजीवनयापन व रोजगार के साधनों में बढ़ोतरी करे तथा सामाजिक न्याय के साथ
समग्र विकासकरे।
इसकी पूर्ति भी सरकार ने काफी हद तक की
है।
मई, 2004 का जनादेश ऐसी सरकार के लिए था, जो समाज के कमजोर
वर्ग को ताकत प्रदान कर उन्हें शिक्षा के क्षेत्र में आगे ले जाए। हमारी सरकार ने इस
उद्देश्य की पूर्ति भी काफी हद तक की।
मई, 2004 का जनादेश ऐसी सरकार के लिए था, जो समाज में आई हर
तरह की खाई को पाटसके तथा सारे समाज को एकता के सूत्र में पिरो कर उन्हें आवाज दे।
यह उद्देश्य भी हमारी सरकार ने काफी हद तक पूरा किया।
यह एक रिकार्ड है, जो स्वयं बोलता है।
2004-2009 की मुख्य उपलब्धियां
मई, 2004 से कांग्रेसनीत संप्रग सरकार द्वारा किए
गए कार्य हमारे सामने हैं। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का लोकसभा चुनाव-2004 का घोषणा-पत्र
राष्ट्रीय न्यूनतम साझा कार्यक्रम का आधार बना,जिसके अनुरूप सरकार पांच साल चली।
घोषणा-पत्र. में किए गए वादों को कांग्रेसनीत संप्रग सरकार ने पूरा किया।
सरकार ने शासन में संवैधानिक मूल्यों और
धर्म-निरपेक्षता के सिद्धांतों की बहाली की। प्रशासन में काफी पारदर्शिता आई। 2005 में ऐतिहासिक ‘सूचना का अधिकार’ कानून बना। इसने गांवों, कस्बों और शहरों में
रहने वाले लाखों लोगों को सरकार से सूचना मांगने तथा अधिकारियों को उत्तरदायी
बनाने का काम किया।
सरकार ने राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार
गारंटी कानून (नरेगा) बनाया, जिसे देश के हरेक जिले में लागू किया गया। इसमें गांवों में हर घर के एक सदस्य को
सार्वजनिक कार्य योजनाओं में वर्ष में कम-से-कम 100 दिन काम देने की गारंटी है। इससे न केवल लाखों गरीब परिवारों
की आजीविका के रास्ते खुले, बल्कि गांवों में स्थाई सामुदायिक संसाधनों का सृजन हुआ।
सरकार ने महत्वाकांक्षी ‘भारत निर्माण कार्यक्रम’ लागू किया, जिसमें काफी प्रगति हुई है। इसके तहत
ग्रामीण भारत में सिंचाई सुविधा, पक्की सड़कें, गरीबों के लिए मकान, पीने का पानी, बिजली तथा फोन सुविधा उपलब्ध कराकर कायाकल्प किया गया।
सरकार ने 1. फसलों के समर्थन मूल्य में वृद्धि, 2. 65,000 करोड़ रुपए की ऋण माफी, 3. बैंकों से तीन गुना कर्ज, 4. फसल ऋण पर ब्याज में
कमी और 5. सिंचाई सुविधाएं बढ़ाकर करोड़ों किसानों को खुशहाली प्रदान की।
सरकार ने राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य
मिशन लागू किया, जिससे गांवों में स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता और उपलब्धता सुनिश्चित हुई। अब अधिकतर
बच्चों की पैदाइश प्रशिक्षित स्वास्थ्यकर्मियों द्वारा कराई जाती है। इस कार्य
के लिए लगभग साढ़े छह लाख महिलाओं को प्रशिक्षित कर उन्हें‘आशा कार्यकर्ता’ के रूप में तैनात किया गया है।
सरकार ने समाज के कमजोर वर्गों के
सशक्तिकरण के लिए अनेक कदम उठाए, जिनमें1.अनुसूचित जनजातियों और पारंपरिक रूप से जंगल में रहने वाले लोगों को
अपनी वन भूमि पर खेती करने का अधिकार, 2. अन्य पिछड़े वर्ग के छात्रों को सभी
व्यावसायिक शिक्षण संस्थानों में आरक्षण, 3. महिलाओं को सुरक्षा देने के लिए घरेलू
हिंसा के खिलाफ कानून, 4. संपत्ति और जायदाद में महिलाओं को बराबरी का हक और 5. कॉलेज और विश्वविद्यालय
शिक्षा के लिए अनुसूचित जाति, जनजाति, अल्पसंख्यक और अन्य पिछड़े वर्गों के विद्यार्थियों के लिए वजीफे
में भारी बढ़ोतरी शामिल है।
सरकार ने सर्वशिक्षा अभियान को नई दिशा
दी, जिससे देश में प्राथमिक शिक्षा को काफी बढ़ावा मिला। ‘मध्याह्न भोजन योजना’ के तहत सभी प्राथमिक
स्कूलों में 15 करोड़ बच्चों को प्रतिदिन भोजन दिया जाता है। पिछले पांच दशक में पहली बार
सरकार ने कॉलेजों, विश्वविद्यालयों,आईआईटी, आईआईएम और संचार टेक्नोलॉजी जैसे उच्च शिक्षा संस्थानों की बड़ी
संख्या में स्थापना की। उच्च शिक्षा के लिए ग्यारहवीं पंचवर्षीय योजना (वर्ष 2007-2008 से 2011-2012) में पिछले पांच वर्ष की तुलना में पांच गुना अधिक पैसा दिया
जाएगा।
सरकार ने पिछले पांच वर्षों में रिकार्ड
आर्थिक विकास किया है। इसके तहत कई क्षेत्रों में निवेश में अभूतपूर्व
वृद्धि हुई है, जिसमें 1. शिक्षा और स्वास्थ्य, 2. कृषि और ग्रामीण विकास, 3. बिजली और रेल जैसी
मूलभूत सेवाएं और 4. शहरों तथा कस्बों में नागरिक सेवाएं शामिल हैं। इस आर्थिक विकास के कारण डेढ़
करोड़ भूमिहीन परिवारों के लिए आम आदमी बीमा योजना लागू हो सकी और असंगठित क्षेत्र
के गरीबी की रेखा से नीचे रहने वाले छह करोड़ मजदूरों को राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा
योजना का लाभ मिल सका। इसके साथ ही इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वृद्धावस्था पेंशन
योजना लागू की गई, जिसका लाभ गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले 65 वर्ष से अधिक आयु के
लोगों को मिलेगा।
सरकार ने जवाहरलाल नेहरू राष्ट्रीय शहरी
नवीकरण मिशन की शुरूआत की और उसके लिए एक लाख करोड़ रुपए का प्रावधान किया। इसे
देश के 63 शहरों में शहरी गरीबों को मूलभूत सुविधाएं मुहैया कराने के लिए ढांचागत
विकास पर खर्च किया जाएगा। योजना के तहत जलापूर्ति, स्वच्छता और परिवहन
क्षेत्रों में 42 हजार करोड़ रुपए की लागत से काम चल रहा है।
गरीबों के लिए 14 लाख घरों का निर्माण
किया जा रहा है जिससे 63 शहरों में मकानों की उपलब्धता बढ़ी है। 1400 शहरों और कस्बों की बिजली आपूर्ति की
महती योजना भी शुरू हो चुकी है।
सरकार ने सुनिश्चित किया कि सभी राज्यों
को विकास कार्यों के लिए भरपूर धनराशि उपलब्ध हो,जो इससे पहले कभी नहीं हुआ। केन्द्र की
ओर से धनराशि उपलब्ध कराने में राज्यों के साथ कोई भेदभाव नहीं हुआ, जैसा राजग सरकार के 1999-2004 के शासन के दौरान हुआ था।
पूर्वोत्तर क्षेत्र और जम्मू-कश्मीर
जैसे संवेदनशील राज्यों को विकास के लिए काफी धन मिला और वहां बड़े पैमाने पर
विकास गतिविधियां चल रही हैं। पहली बार, पिछड़ा इलाका विकास कोष के तहत पांच हजार करोड़
रुपए का प्रावधान किया गया जिसके माध्यम से देश के 250 निर्धनतम जिलों की पंचायतों में विकास
कार्य शुरू किए गए।
सरकार के कामकाज से अंतर्राष्ट्रीय स्तर
पर भारत की प्रतिष्ठा बढ़ी। अनेक देशों के साथ भारत की शर्तों पर असैनिक परमाणु
करार किए गए। आज भारत का विश्व के हर मंच पर सम्मान है।
कांग्रेस अध्यक्ष के अथक प्रयासों के
कारण ‘गांधी जयंती’ को संयुक्त राष्ट्र ने ‘अंतर्राष्ट्रीय अहिंसा दिवस’ के रूप में मान्यता
दी है।
सरकार के प्रयासों से आंतरिक और बाहरी
सुरक्षा चुनौतियों से निपटने में देश की क्षमता काफी बढ़ी है। आतंकवाद से मुकाबले
के लिए नई बटालियनें गठित की गई हैं और देश भर में आतंकवाद विरोधी बलों के नये
केन्द्र बने हैं। एक नई राष्ट्रीय जांच एजेंसी भी स्थापित की गई है। पूर्वोत्तर और
जम्मू-कश्मीर में विद्रोहियों से निपटने में काफी सफलता मिली है।
जम्मू-कश्मीर के हाल ही में संपन्न हुए
विधानसभा चुनावों में मतदान के बहिष्कार और हिंसा की धमकियों के बावजूद मतदाताओं
द्वारा किया गया रिकार्ड मतदान अभूतपूर्व है तथा यह दिखाता है कि वहां के लोगों
में शांति की चाहत कितनी प्रबल है। इसका समर्थन भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस और
भारत के प्रधानमंत्री व्यक्तिगत स्तर पर करते रहे हैं। सुरक्षा बलों ने अपना दायरा
बढ़ाने के नक्सलियों के प्रयासों और उनकी अवांछित गतिविधियों को रोका है। अब हम
किसी भी प्रकार की आतंकवादी धमकी या हमले से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार हैं।
4. 2009-2014 : आगे की राह
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस जो कहती है, उस पर यकीन करती है
और जिस पर यकीन करती है, वही कहती है।
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस वही वादे
करती है, जो वह पूरे कर सकती है और वही करेगी, जिसका उसने वादा किया है।
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस यह सुनिश्चित
करने के लिए प्रतिबद्ध है कि सरकार जनहित में कार्य करे क्योंकि यह जनता पर
निर्भर और जनता के लिए काम करने वाली सरकार होगी।
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की हमेशा से
यह मान्यता रही है कि शासन का सही अर्थ जनता की रोजमर्रा की समस्याओं को समझना
और सुलझाना है और इसके लिए सरकार को उनकी जरूरतों के प्रति उत्तरदायी होना पड़ेगा।
यह चुनने वाले और चुने गए के बीच की साझेदारी होगी, जिससे जनता और
सत्तासीन जमात के बीच खाई को कम किया जा सके।
डॉ. मनमोहन सिंह ने प्रधानमंत्री के रूप
में दृढ़ निश्चय और गरिमा के साथ देश का नेतृत्व किया है। अपनी निष्ठा, परिपक्वता, बुध्दिमत्ता, अनुभव और विशेषज्ञता
की वजह से देश का नेतृत्व करने तथा अनेक राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय
चुनौतियों से निपटने के लिए वह योग्यतम व्यक्ति हैं।
समग्र और तेज विकास की दिशा में
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस जानती है कि
आज विश्व की अर्थव्यवस्था पिछले 50 वर्षों की भीषणतम मंदी से जूझ रही है। यह अमेरिका और अन्य विकसित
देशों की अर्थव्यवस्था की विफलता के कारण हुआ है। परंतु भारतीय अर्थव्यवस्था ने
इन प्रतिकूल अंतर्राष्ट्रीय परिस्थितियों में भी अपनी साख बचाए रखी है और यह
कांग्रेस सरकारों की नीतियों की वजह से ही हो पाया है। यह पं0जवाहरलाल नेहरू द्वारा स्थापित सार्वजनिक उपक्रमों, इंदिरा गांधी द्वारा
किए गए बैंकों के राष्ट्रीयकरण तथा राजीव गांधी द्वारा पोषित निजी क्षेत्र के अथक
प्रयासों से ही संभव हो पाया है।
भाजपा के स्वघोषित ‘इंडिया शाइनिंग’ के समय वार्षिक औसत
आर्थिक वृद्धि 5.8 प्रतिशत थी, जो कांग्रेसनीत संप्रग सरकार के पिछले पांच वर्षों में 8.5 प्रतिशत रही। 2008-09 जरूर कठिनाई भरा वर्ष रहा, फिर भी, भारत की आर्थिक विकास दर लगभग 7 प्रतिशत रहेगी। इसलिए
हमारी तात्कालिक प्राथमिकता आर्थिक स्थिति को सुधारने तथा उच्च विकास दर को
पहले चार वर्षों में हासिल करने की रहेगी।
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ऐसे उपाय
करेगी, जिनसे विकास की गति को बनाए रखा जा सके। तीन आर्थिक पैकेजों की घोषणा पहले
ही हो चुकी है, ब्याज दरों में कमी की गई है, उद्योगों को ज्यादा ऋण देने का भरोसा
दिलाया गया है। इन उपायों के नतीजे आने वाले महीनों में देखे जा सकेंगे।
नए उपायों का ध्यान घरेलू आर्थिक स्थिति
को मजबूत करने पर केंद्रित होगा, जिससे लोगों की क्रय शक्ति बढ़े तथा कंपनियों को अधिक धन उपलब्ध हो सके।
कृषि और आधारभूत संरचनाओं पर सरकारी खर्च, जो पिछले पांच वर्षों में काफी बढ़ा है, और अधिक बढ़ाया जाएगा। नई सरकार बनने
के 45 दिनों के भीतर भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस वर्ष 2009-10 के लिए अपना नियमित बजट पेश करेगी, जिसका मुख्य उद्देश्य त्वरित और समग्र
विकास के पथ पर आगे बढ़ना होगा। यह हमारे सामाजिक और आर्थिक उद्देश्यों की
पूर्ति करेगा। अपने 2004 के घोषणा-पत्र में किए गए वादों के अनुसार कांग्रेस की अगुआई वाली
संप्रग सरकार ने कई महत्वपूर्ण कमीशनों का गठन किया जिनमें प्रशासनिक सुधार
आयोग, राष्ट्रीय असंगठित क्षेत्र उद्यम आयोग, राष्ट्रीय किसान आयोग, राष्ट्रीय ज्ञान आयोग और राष्ट्रीय
प्रतिस्पर्धी उत्पादन परिषद शामिल हैं। इनकी महत्वपूर्ण सिफारिशों को तत्काल अमल में लाया
जाएगा।
2009-2014 के मुख्य कार्यक्रम
वर्ष 2004-09 के दौरान शुरू किए गए अनेक कार्यक्रमों, मिशन और योजनाओं को
आगे बढ़ाते हुए भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस देश की जनता के समक्ष
निम्नलिखित कार्य करने का संकल्प दोहराती है :-
हम प्रत्येक नागरिक को अधिकतम संभव
सुरक्षा प्रदान करने की गारंटी देंगे
हमारी नीति किसी भी स्रोत से आने वाले
आतंकवाद को कतई बर्दाश्त न करने की है। इसके लिए हमने अपने विशेष सुरक्षाबलों
और पुलिस बल को आधुनिक हथियारों और तकनीक से लैस करना शुरू कर दिया है ताकि वह
आतंकवादियों का मुकाबला उचित ढंग से कर सके। इस कार्य को और तेजी से आगे बढ़ाया जाएगा।
विशेष बटालियनों की संख्या में बढ़ोतरी की जाएगी और उन्हें सारे देश में
महत्वपूर्ण ठिकानों पर तैनात किया जाएगा।
नागरिकता एक अधिकार है और गौरव की बात
है। देश में संचार प्रौद्योगिकी के विस्तार से प्रत्येक भारतीय को एक विशेष
पहचान-पत्र देना संभव है जो 2011 में प्रकाशित होने वाले राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर पर आधारित होगा।
हम रक्षा तैयारियों को उच्चतम
प्राथमिकता देंगे और रक्षाकर्मियों तथा उनके परिवारों का कल्याण सुनिश्चित करेंगे
भाजपा की अगुआई वाली राजग सरकार के समय
सेनाओं के आधुनिकीकरण के लिए रखी गई24 हजार करोड़ रुपए की राशि खर्च नहीं हुई।
पिछले पांच वर्षों में हमारी सेनाओं केआधुनिकीकरण को काफी ताकत मिली है। यह
सुनिश्चित किया जाएगा कि यह प्रक्रिया जारी रहे। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस भारत की
सेनाओं को आधुनिक हथियारों, हवाई जहाजों, जलयानों तथा अन्य तकनीकी साजो-सामान से लैस करेगी ताकि वे जल-थल और
नभ की किसी भी चुनौती का मुकाबला कर सकें। पूर्व सैनिकों की समस्याओं को देखते हुए
तथा उनके कल्याण के लिए वर्ष2004 में कांग्रेस की अगुआई वाली संप्रग सरकार ने अलग से एक विभाग की स्थापना की
थी। समर्पित और प्रशिक्षित पूर्व सैनिक काफी बड़ी संख्या में मौजूद हैं, जिनका हम राष्ट्र
निर्माण में उपयोग करेंगे।
हम पुलिस सुधार प्रक्रिया में तेजी
लाएंगे
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पुलिस
सुधारों की आवश्यकता को समझती है। इसके लिए पुलिस प्रशासन और राजनैतिक कार्यकारी के
बीच एक निश्चित सीमा-रेखा बनाई जाएगी। पुलिस बलों को आवास तथा शिक्षा की
बुनियादी सुविधाएं प्रदान की जाएंगी और उन्हें जनता के प्रति अधिक जवाबदेह बनाया
जाएगा। उनकी भर्ती को प्रतिनिधित्वपूर्ण और अधिक प्रभावी तथा प्रशिक्षण को पेशेवर बनाया
जाएगा ताकि वे मौजूदा और नए मोर्चों पर सामने आने वाली चुनौतियों का मुकाबला कर
सकें। पुलिस बल की जवाबदारी का सार्थक स्वरूप सुनिश्चित किया जाएगा।
हम राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी
कानून ;छत्म्ळ।ध्द की सफलता को और आगे बढ़ाएंगे भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने
लोकसभा चुनाव-2004 के अपने घोषणा-पत्र में राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी कानून
(नरेगा) लाने का वादा किया था, जो काफी हद तक सफल रहा है।
इसकी अनेक सामाजिक लेखा-परीक्षाओं से
सीख लेते हुए भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस अब यह वादा करती है कि नरेगा के अंतर्गत
प्रत्येक व्यक्ति को वास्तविक सौ रुपए प्रतिदिन के हिसाब से सौ दिन के लिए काम
दिया जाएगा।
हम राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी
कानून (नरेगा) की तर्ज पर राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून बनाएंगे
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस खाद्य
सुरक्षा को अधिकार बनाने संबंधी कानून पारित करेगी, जिसके अंतर्गत सब लोगों, खासकर समाज के कमजोर
तबके के लोगों को पर्याप्त भोजन देने की गारंटी होगी।
शहर या गांव में कहीं भी गरीबी की रेखा
से नीचे रहने वाले हरेक परिवार को भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस कानूनन 25 किलो चावल या गेहूं
तीन रुपए प्रति किलोग्राम की दर से प्रतिमाह उपलब्ध कराएगी। प्रत्येक शहर में केन्द्र सरकार की मदद
से सब्सिडी आधारित सांझा चूल्हे स्थापित किये जाएंगे ताकि बेघर और बाहर से आने
वाले लोगों को भोजन मिल सके।
हम सबकी स्वास्थ्य सुरक्षा की गारंटी
लेंगे
राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन ने
पहले ही कार्य करना शुरू कर दिया है जिसे और अधिक कारगर तरीके से लागू किया
जाएगा। कांग्रेसनीत संप्रग सरकार ने गरीब परिवारों को स्वास्थ्य बीमा देने के लिए
राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना शुरू की है। स्वास्थ्य सेवाओं पर होने वाला खर्च,विशेषकर गांवों के गरीब लोगों को
कर्जदार बनाने का मुख्य कारण है। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस यह वादा करती है
कि गरीबी की रेखा से नीचे रहने वाले प्रत्येक परिवार को राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा
योजना के अंतर्गत अगले तीन सालों में शामिल कर लिया जाएगा। प्रत्येक जिला
अस्पताल का दर्जा बढ़ाया जाएगा ताकि उसमें सबको अच्छी स्वास्थ्य सुविधाएं हासिल हो
सकें।
हम विशेष समूह के लोगों की सामाजिक
सुरक्षा सुनिश्चित करेंगे
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस कुछ खास वर्ग
के लोगों के लिए सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित करेगी, जिनमें अकेली महिला द्वारा संचालित घर, बुजुर्ग तथा अपाहिज, शहरी बेघर, छुड़ाए गए बंधुआ मजदूर,कबीलाई आदिवासी समूहों के सदस्य तथा
दलित वर्ग के अत्यंत पिछड़े लोग शामिल हैं।
हम सबको बेहतर शिक्षा उपलब्ध कराएंगे
शैक्षिक ऋण देने के दुनिया के सबसे बड़े
कार्यक्रमों में से एक भारत में चल रहा है। पिछले पांच वर्षों में पंद्रह लाख
विद्यार्थियों को 26 हजार करोड़ रुपए विभिन्न व्यावसायिक पाठयक्रमों के लिए ऋण के रूप
में प्रदान किए गए हैं।
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस यह वादा करती
है कि किसी भी मान्यताप्राप्त कॉलेज या विश्वविद्यालय के मान्यताप्राप्त
पाठयक्रम में प्रवेश मिलने पर विद्यार्थी को जरूरत के अनुसार वजीफा या शैक्षणिक ऋण
बिना किसी जमानत के लंबे अर्से के लिए प्रदान किया जाएगा।
बच्चों को अच्छी स्कूली शिक्षा देने के
लिए हमने देश के प्रत्येक ब्लॉक में मॉडल स्कूल स्थापित करने शुरू किए हैं। अगले
पांच वर्षों में हर वर्ष हम प्रत्येक ब्लॉक में एक-एक नए मॉडल स्कूल की स्थापना
करेंगे।
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस यह भी वादा
करती है कि शिक्षा के क्षेत्र को फलदायी तथा उपलब्धियों से भरपूर बनाने पर
ज्यादा ध्यान दिया जाएगा, न कि केवल दाखिलों पर। हम यह भी वादा करते हैं कि अध्यापकों के
प्रशिक्षण पर और ध्यान दिया जाएगा ताकि स्कूलों का मौलिक वातावरण सुधर सके।
उच्च शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए बड़े
पैमाने पर काम किए गए हैं। पिछले दो वर्षों में 8 नए भारतीय
प्रौद्योगिकी संस्थान (आई.आई.टी.), 7 नए भारतीय प्रबंधन संस्थान (आई.आई.एम.), 5 नए भारतीय विज्ञान
शिक्षा और अनुसंधान संस्थान (इंडियन इंस्टीच्यूट ऑफ साइंस एजुकेशन एंड
रिसर्च), तीस नए केंद्रीय विश्वविद्यालय, 20 नए भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान
(इंडियन इंस्टीच्यूट ऑफ इन्फारमेशन टेक्नालॉजी) और 374 नए कॉलेज शिक्षा के क्षेत्र में पिछडे
हुए इलाकों में खोले गए हैं, जहां इनकी सख्त जरूरत थी। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस यह वादा करती है कि
इन विस्तार कार्यक्रमों को वास्तविक रूप में पूरा किया जाएगा और इनका उद्देश्य
सकारात्मकता तथा उत्कृष्टता होगा।
हम राष्ट्रीय-स्तर पर कौशल विकास
कार्यक्रम लागू करेंगे
भारत एक युवा देश है, जिसकी 70 प्रतिशत से अधिक
जनसंख्या 35 वर्ष से कम आयु की है।
इस बड़े वर्ग की शक्ति का उपयोग करने के
लिए भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस चाहती है कि जल्दी से जल्दी एक विशेष कौशल विकास
मिशन बनाया जाए, जिससे युवाओं के लिए रोजगार की उपलब्धता बढ़ सके।
कांग्रेसनीत संप्रग सरकार राष्ट्रीय
कौशल विकास मिशन में 30 हजार करोड़ रुपए का निवेश करेगी,जिससे हमारे युवाओं का भविष्य संवारा जा सके। अधिक से अधिक युवाओं को इसमें सम्मिलित करने
के लिए अधिक धन की व्यवस्था की जाएगी ताकि युवा विभिन्न प्रकार के कौशल सीख सकें।
हम किसानों तथा उनके परिवारों की बेहतरी
वाली योजनाओं का विस्तार करेंगे
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस यह वादा करती है प्रत्येक छोटे या सीमांत किसान को देश में कम
ब्याज पर बैंक ऋण उपलब्ध कराया जाएगा। यह योजना पिछले पांच वर्षों में शुरू की
गई योजनाओं से अलग होगी। आम ऋण माफी की एक बड़ी योजना के अंतर्गत पहले ही 3.68 करोड़ किसान परिवारों
को लाभ पहुंचाया जा चुका है।
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस यह वादा करती
है कि किसानों को बैंकों द्वारा दिए जाने वाले ब्याज पर भी राहत दी जाएगी।
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस यह सुनिश्चित
करना चाहती है कि कृषि एक लाभकारी कारोबार साबित हो। इसको बढ़ावा देने के
लिए सारे प्रयत्न किए जाएंगे। कृषि की विविधता तथा ग्रामीण औद्योगीकरण को सही
ढंग से आगे बढ़ाया जाएगा। डेयरी विकास, मत्स्य पालन, बागवानी, रेशम उत्पादन को और
अधिक बढ़ावा दिया जाएगा। चाय, काफी, रबड़, मसाले, काजू तथा नारियल जैसी फसलों के लिए विशेष प्रकार की जरूरतों को ध्यान
में रखा जाएगा। बंजर भूमि के विकास तथा वृक्षारोपण को विशेष महत्व दिया
जाएगा।
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस समेकित फसल
बीमा योजना लागू करेगी तथा विशेष मौसम वाले क्षेत्र के किसानों के लिए आमदनी
का जरिया तलाश करने का प्रयास करेगी। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस किसानों को उनके
ठिकाने से अनाज की वसूली तथा न्यूनतम समर्थन मूल्य देने का वादा करती है। अनाज की हर
प्रकार की बेरोकटोक आवाजाही, उसके प्रसंस्करण तथा उससे होने वाली आमदनी में आने वाली संभावित बाधाओं को
दूर किया जाएगा।
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस औद्योगिक
उद्देश्य के लिए किसानों की भूमि के अधिग्रहण की स्थिति में उनको बाजार
मूल्य दिलवाने की हिमायती है। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस यह भी चाहती है कि ऐसी जमीन पर
बनने वाली औद्योगिक यूनिट में किसान भी सहभागी बने। इस उद्देश्य के लिए
राष्ट्रीय पुनर्वास और पुनर्स्थापन विधेयक-2007 भाजपा की अड़ंगेबाजी के कारण पारित नहीं
हो सका,जिसे पंद्रहवीं लोकसभा में पारित करवाया जाएगा। भूमि अधिग्रहण अधिनियम-1894 में भी संशोधन किए
जाएंगे ताकि भूमि मालिकों के हितों की रक्षा की जा सके।
हम सहकारिता को लोकतांत्रिक और पेशेवर
स्वरूप प्रदान करेंगे
भारतीय सहकारी आंदोलन की पांच लाख
संस्थाओं में 22 करोड़ सदस्य हैं, जो विश्व का सबसे बड़ा आंदोलन है। यह हमारे विकास में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता
है। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस हमेशा से इस आंदोलन को लोकतांत्रिक, स्वायत्तशासी और
पेशेवर रूप में कार्य करते हुए देखना चाहती है, जिसके लिए संवैधानिक प्रावधान सहित अन्य
उचित कानून बनाए जाएंगे।
हम कमजोर वर्गों के सशक्तिकरण में और
तेजी लाएंगे
समाज के कमजोर तबकों जैसे अनुसूचित
जातियों/अनुसूचित जनजातियों, पिछड़ा वर्ग,अल्पसंख्यक तथा महिलाओं के सशक्तिकरण में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
की आस्था रही है। इसे और आगे बढ़ाया जाएगा तथा इन वर्गों को शिक्षित करते हुए, खासकर तकनीकी शिक्षा देकर इनकी
प्रतिभा को निखारा जाएगा। आदिवासी और दलित वर्ग के लड़के-लड़कियों को प्राथमिक,माध्यमिक और विश्वविद्यालय स्तर तक
नि:शुल्क शिक्षा दी जाएगी। अनुसूचित जाति और जनजाति वर्ग के छात्रों को प्रतिवर्ष केंद्र सरकार
द्वारा कोचिंग के लिए फीस दी जाएगी। अनुसूचित जाति तथा अनुसूचित जनजाति के कम से कम
एक लाख लड़के-लड़कियों को दिए जाने वाले राष्ट्रीय वजीफे में और बढ़ोतरी की
जाएगी।
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस यह भी
सुनिश्चित करेगी कि अनुसूचित जातियों की विशेष घटक योजना और अनुसूचित जनजातियों की
आदिवासी उपयोजना, जिसे तीन दशक पहले श्रीमती इंदिरा गांधी द्वारा लागू किया गया था।
अब उसे उनकी जनसंख्या के अनुपात के आधार पर बनाया जाएगा। प्रधानमंत्री के विशेष
भर्ती अभियान के निर्देश के अंतर्गत सरकार ने 53 हजार खाली पड़े अनुसूचित जाति/जनजातियों
के आरक्षित पदों को सीधी भर्ती या पदोन्नति के आधार पर भरा। यह प्रक्रिया
जारी रहेगी।
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस अनुसूचित
जाति/जनजाति के लोगों को निजी क्षेत्र में भागीदारी देने की हिमायती है। इसके लिए
राष्ट्रीय स्तर पर बहस शुरू हो गई है। हमारी पार्टी यह भी वादा करती है कि आर्थिक
दृष्टि से कमजोर किसी भी वर्ग को बिना किसी भेदभाव के आरक्षण दिया जाएगा। हमारी
पार्टी वादा करती है कि वह वर्तमान आरक्षण नीति के अंतर्गत लाभ ले रहे अनुसूचित
जाति/जनजाति तथा पिछड़े वर्गों के आरक्षण से छेड़छाड़ किए बगैर आर्थिक रूप से पिछड़े तबकों के
लिए अलग से आरक्षण की व्यवस्था करेगी।
मई, 2004 में पहली बार अल्पसंख्यक मंत्रालय की
स्थापना की गई तथा राजेंद्र सच्चर कमेटी का गठन किया गया, जिसे मुस्लिम समुदाय
की सामाजिक-आर्थिक और शैक्षणिक स्थिति का अध्ययन करना था। सच्चर कमेटी की
सिफारिशों को लागू करने का काम जारी है और जल्द ही समान अवसर आयोग की विधिवत स्थापना की
जाएगी। पिछले दो वर्षों में ही मैट्रिक से पहले,मैट्रिक के बाद तथा व्यावसायिक
पाठयक्रमों के लिए लगभग 4 लाख वजीफे दिए गए हैं जिसका50 प्रतिशत हिस्सा छात्राओं को मिला है।
जून, 2006 में प्रधानमंत्री के 15 सूत्री कार्यक्रम को
शुरू किया गया, जिसमें केंद्र सरकार ने अल्पसंख्यकों के कल्याण के लिए आर्थिक लक्ष्य तय
किए। देश के 90 अल्पसंख्यक बहुल जिलों में विशेष विकास पैकेज लागू किए गए।
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस यह सुनिश्चित
करेगी कि अल्पसंख्यकों के संवैधानिक अधिकारों की पूर्ण रूप से रक्षा हो और
नागरिक प्रशासन में उनकी भागीदारी बढ़े, जिससे वे महसूस कर सकें कि सरकार उनके कल्याण
के लिए कार्य कर रही है। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने केरल, कर्नाटक और आंध्र
प्रदेश में सरकारी नौकरी तथा शिक्षा के क्षेत्र में सामाजिक तथा आर्थिक पिछड़ेपन के आधार
पर आरक्षण देने की पहल की है। हम राष्ट्रीय स्तर पर इसे लागू करने का प्रयास
करेंगे। वक्फ संपत्तियों को विकसित करने के लिए वक्फ विकास निगम की स्थापना की जाएगी।
एक राष्ट्रीय यूनानी विश्वविद्यालय की भी स्थापना होगी तथा मौलाना आजाद शैक्षिक
प्रतिष्ठान के कोष को दुगुना किया जाएगा।
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने पंचायतों
और नगरपालिकाओं में महिलाओं के आरक्षण की व्यवस्था की। आज पंचायतों में लगभग 40 प्रतिशत चुनी हुई
प्रतिनिधि महिलाएं हैं, जबकि उनका आरक्षण केवल 33 प्रतिशत है। यह एक प्रकार की क्रांति
है। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस यह सुनिश्चित करेगी कि लोकसभा तथा राज्यों की
विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण का विधेयक पंद्रहवीं लोकसभा में पारित हो और सोलहवीं लोकसभा के
चुनाव एक तिहाई महिला आरक्षण के आधार पर करवाए जाएं।
अगले पांच वर्षों में भारतीय राष्ट्रीय
कांग्रेस यह सुनिश्चित करेगी कि देश की ग्रामीण महिलाओं में कम से कम आधी
स्ववित्त सहायता समूह की सदस्यता ग्रहण करें ताकि उन्हें बैंकों से बहुत कम ब्याज पर ऋण
मिल सके। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस सरकारी नौकरियों में भी एक तिहाई पदों को
महिलाओं के लिए आरक्षित करने के पक्ष में है।
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का विश्वास
है कि अनुसूचित जाति/जनजाति की महिलाओं को शिक्षा के अलावा व्यावसायिक विकास के
कार्यक्रमों की आवश्यकता है। इसे देखते हुए सरकारी ठेकों और अन्य कार्यों में
इनके लिए प्राथमिकता वाली नीति अपनायी जाएगी।
बुनकरों, मछुआरों, महिला मछुआरों, ताड़ी निकालने वालों, चर्म कर्मकारों, बागान मजदूरों, निर्माण कर्मियों, खान एव बीड़ी कर्मियों
की सामाजिक सुरक्षा को बढ़ाया जाएगा। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस अपंग व्यक्तियों, जिनमें नेत्रहीन भी
शामिल हैं, को प्रत्येक क्षेत्र में बराबर की हिस्सेदारी देने के लिए प्रतिबद्ध
है।
इसकी शुरूआत सारे कानूनों और
कार्यक्रमों की समीक्षा से होगी, जिसके बाद उनकी कमियों को दूर किया जाएगा।
हम हर प्रकार की सांप्रदायिकता और
जातिगत अत्याचारों का सख्ती से मुकाबला करेंगे
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस प्रतिबद्धता
जाहिर करती है कि वह हर प्रकार की सांप्रदायिकता के साथ कड़ाई से पेश आएगी
और जो लोग कमजोर तबकों, जैसे दलित और महिलाओं पर अत्याचार करते हैं, उनसे सख्ती से निपटेगी। भारतीय
राष्ट्रीय कांग्रेस का विश्वास है कि जातीयता, धार्मिक उन्माद और सांप्रदायिकता के
शिकार लोगों को मुआवजा तथा पुनर्वास का अधिकार देना प्रत्येक सरकार के लिए आवश्यक
होना चाहिए। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस इसके लिए एक कानून का प्रावधान करेगी, जिससे राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग को
सांप्रदायिक और जातीय हिंसा की जांच और कार्रवाई पर निगरानी का अधिकार मिलेगा।
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस स्कूल की
सारी पाठय सामग्री को एक राष्ट्रीय संस्था के अंतर्गत लाएगी,भले ही उस स्कूल की स्थापना किसी संस्था
या संप्रदाय ने की हो। हम बच्चों और विशेषकर लड़कियों की जरूरतों पर विशेष ध्यान देंगे 2006 में पहली बार बच्चों के अधिकारों
की रक्षा के लिए एक राष्ट्रीय आयोग बनाया गया। उसे यह सुनिश्चित करना था कि बच्चों को
कानूनों द्वारा दिए गए बाल अधिकार सुरक्षित हों और उन्हें आगे बढ़ाया जाए। बच्चों के
काम करने तथा बाल विवाह पर रोक लगाने के लिए नए कानून बनाए गए।
बच्चों, खासकर लड़कियों को पोषाहार देने के लिए
नई योजनाएं पिछले पांच सालों में लागू की गई।
पिछले वर्ष 18 लाख आंगनवाड़ी
कार्यकर्ता तथा सहायकों को बढ़े हुए पारिश्रमिक का लाभ मिला।
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस बालकों की
समेकित विकास योजना के अंतर्गत मार्च, 2012 तक प्रत्येक बस्ती में आंगनवाड़ी प्रदान
करेगी जिसमें छह वर्ष तक के बच्चों को भोजन, पोषण तथा प्राथमिक शिक्षा दी जाएगी।
विस्थापित कामगारों के बच्चों की विशेष जरूरतों को कस्बों और शहरों में नए कार्यक्रमों
के अंतर्गत विभिन्न सामाजिक संस्थाओं के सहयोग से पूरा किया जाएगा। बच्चों में
कुपोषण का खात्मा करने के लिए पहले से ही अनेक कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं, जिन्हें और अधिक
तत्परता से लागू किया जाएगा।
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस लड़कियों के
अनुपात को सुधारने के लिए विशेष कार्यक्रम चलाएगी और लड़कियों की शिक्षा सुनिश्चित
करेगी। ऐसे जिले, जहां लड़कियों का अनुपात कम है, उनके खाते में आर्थिक मदद जमा कर दी
जाएगी, जिसका उनकी प्राथमिक, माध्यमिक तथा उच्च माध्यमिक शिक्षा
पूरी करने में इस्तेमाल होगा।
हम चुनी हुई पंचायत संस्थाओं को वित्तीय
रूप से मजबूत करेंगे
देश में लगभग ढाई लाख चुनी गई पंचायत
संस्थाएं हैं, जिनमें लगभग 32 लाख निर्वाचित प्रतिनिधि हैं। इसका सारा श्रेय पूर्व प्रधानमंत्री राजीव
गांधी के अथक प्रयासों को जाता है। इन संस्थाओं के द्वारा ही हम अच्छे शासन और
आर्थिक विकास को सुनिश्चित कर सकते हैं। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पंचायतों को
संविधान प्रदत्त कोष, कार्य तथा कार्यकारिणी देने की हिमायती है। ग्राम पंचायतों को दिए
जाने वाले वार्षिक अनुदानों को, जो ग्रामसभा की सहमति से प्राथमिकता के
आधार पर खर्च किए जाएंगे, विशेष रूप से बढ़ाया जाएगा।
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पंचायती
संस्थाओं की तकनीकी क्षमता बढ़ाएगी तथा सूचना-संचार प्रौद्योगिकी का बड़े पैमाने
पर प्रयोग करने का प्रयास करेगी।
हम तीन वर्षों में सभी गांवों को
ब्रॉडबैंड नेटवर्क के साथ जोड़ देंगे
सारे देश में ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी की
बड़े पैमाने पर बढ़ोतरी हुई है। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस यह वादा करती है कि
वह संचार प्रौद्योगिकी की क्रांति के परिणामों को अधिक से अधिक शहरों और
कस्बों तक पहुंचाएगी। हम यह भी वादा करते हैं कि तीन वर्षों के अंदर प्रत्येक गांव को
ब्रॉडबैंड नेटवर्क से जोड़ दिया जाएगा। इससे गांवों के युवा को नए काम-धंधे तथा कृषि
सूचना एकत्र करने में मदद मिलेगी। इस प्रकार ग्रामीण क्षेत्र में सूचना
प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल को बढ़ावा देने का राजीव गांधी का सपना पूरा होगा। जमीनों के
अभिलेख तथा अन्य प्रकार के कार्यों में कम्प्यूटर का इस्तेमाल बड़े पैमाने पर
होने लगा है।
हम छोटे कारोबारियों और छोटे व मझोले
उद्यमियों को विशेष बढ़ावा देंगे
छोटे और मझोले उद्योग तथा स्वरोजगार
हमारी औद्योगिक तथा सेवा क्षेत्र की अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं। ये युवाओं के
लिए काम-धंधे सृजित करने के माध्यम हैं। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस यह वादा करती
है कि छोटे व मझोले क्षेत्र के पहली पीढ़ी के कारोबारियों को जमानत-रहित ऋण उपलब्ध
कराने के साथ-साथ उन्हें अनेक प्रकार के कानूनों तथा फार्म से निजात दिलाएंगे और
इंस्पेक्टरों के चंगुल से आजाद कराएंगे।
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस समूह आधारित
छोटे व मझोले उद्योगों को बढ़ावा देने का वादा करती है। देश के विभिन्न भागों में
पहले से ही वस्त्र, खाद्य प्रसंस्करण, हथकरघा, हस्तशिल्प, उपभोक्ता सामान,खादी, जूट तथा अन्य पारंपरिक उद्योगों के काफी मात्रा में उद्योग
हैं। अधिकतर छोटे व मझोले शहरों के ऐसे समूहों को वित्तीय, तकनीकी, ढांचागत और बाजार
सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी।
हम वित्तीय प्रबंधन और कम महंगाई के साथ
विकास के रास्ते पर बढ़ते रहेंगे
वर्ष 2004-2009 के अनुभव के आधार पर यह कहा जा सकता है
कि आर्थिक विकास ज्यादाअवसरों का सृजन करता है, जिससे सरकार शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि, सामाजिक सुरक्षा तथा संरचना के क्षेत्रों
में अधिक धन खर्च कर सकती है। कांग्रेसनीत संप्रग सरकार के पहले चार वर्षों में
आनुपातिक विकास की दर इतिहास में पहली बार नौ प्रतिशत रही। हम इसे बनाए रखने का
भरसक प्रयास करेंगे और अपने युवाओं के लिए काम के सृजन की कोशिश करते रहेंगे।
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस विकास की
उच्च गति को कम महंगाई के साथ कृषि और औद्योगिक उत्पादों के संदर्भ में बनाए
रखने का प्रयास करेगी। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पुन: इस वादे को दोहराती है कि
वह वित्तीय जिम्मेदारी की राह पर आगे बढ़ेगी तथा केंद्र आवश्यक सामाजिक और अन्य
ढांचागत सुविधाओं में लगातार बढ़ोतरी का प्रयास करेगा। इसके लिए जरूरी होगा कि सारे
आर्थिक अनुदान उन लोगों तक पहुंचें, जो समाज में उसके सही हकदार हैं। भारतीय
राष्ट्रीय कांग्रेस इसके लिए आम सहमति बनाने का प्रयास जारी रखेगी।
भारत की प्रगति के लिए सार्वजनिक तथा
निजी क्षेत्रों की भागीदारी आवश्यक है। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस भाजपानीत
राजग सरकार के अंधाधुंध निजीकरण को निरस्त करती है। उसका विश्वास है कि भारत के लोगों
का यह अधिकार बनता है कि सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों के शेयरों में सरकार की
अंशधारिता अधिक बनी रहे। सार्वजनिक क्षेत्र की उत्पादक कंपनियां, जैसे ऊर्जा,परिवहन, दूरसंचार तथा वित्तीय क्षेत्र जैसे बैंक
और बीमा कंपनियां सार्वजनिक क्षेत्र में ही रहें और उन्हें विकासोन्मुखी
बनाने और प्रतिस्पर्धा करने के लिए सहयोग दिया जाए।
उत्पादन क्षेत्र के उद्योगों ने पिछले
कुछ वर्षों में अपने पैर जमाए हैं। इसमें खासकर ज्यादा कामगारों वाली इकाइयों को
आगे बढ़ाया जाएगा। विदेशी पूंजी वाली इकाइयों में स्थानीय मूल्यवर्धन और निर्यात को
बढ़ावा देने पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस यह सुनिश्चित करेगी कि ऐसी नीति बने जिससे
तेल उत्पादन, खनिज संसाधनों जैसे कोयला और लौह अयस्क क्षेत्र में निजी निवेश को
बढ़ावा मिल सके। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस यह सुनिश्चित करेगी कि निजी
क्षेत्र में कार्पोरेट गवर्नेंस की उच्च गुणवत्ता बनी रहे ताकि छोटे शेयरधारकों
तथा निवेशकों के हितों की रक्षा की जा सके। इसके लिए अच्छी कार्पोरेट गवर्नेंस को
नीतिगत व्यापार पद्धति तथा स्टेक होल्डरों के प्रति उत्तरदायी बनाने के लिए विनियमित
किया जाएगा।
हम 01 अप्रैल,
2010 से सामान तथा सेवाकर की शुरुआत करेंगे
कांग्रेसनीत संप्रग सरकार ने सारे देश
में वैट को सफलतापूर्वक लागू किया है। इससे राज्यों की आमदनी काफी बढ़ी है। अब
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस यह वादा करती है कि हमारा अगला कदम छोटे रूप में माल और
सेवा कर ;ळैज्ध्द लागू करना होगा। एक बार माल और सेवा कर लागू हो जाने पर केंद्र
तथा राज्य-स्तर के सभी अप्रत्यक्ष करों जैसे वैट, उत्पाद शुल्क, सेवा कर, मनोरंजन कर, विलासिता कर आदि
समाप्त हो जाएंगे। इससे आम आदमी को काफी राहत मिलेगी। माल और सेवा कर से सारे देश में एक
जैसा बाजार उपलब्ध होगा, जिससे हमारे किसानों, कामगारों और उद्यमियों को राहत मिलने के
साथ-साथ रोजगार भी बढ़ेगा। राज्य के वित्तीय ढांचे, खासकर पंचायत और नगरपालिकाओं की वित्तीय
हालत में भी इससे काफी सुधार होगा।
हम नागरी प्रशासन को पूर्णतया नया रूप
देंगे
हालांकि हमारी अधिकतर जनसंख्या गांवों
में रहती है, लेकिन भारत में बढ़ते शहरीकरण के मुकाबले शहरों व कस्बों में बुनियादी
ढांचे की उतनी बढ़ोतरी नहीं हो सकी है। इसके लिए एक समेकित, कम लागत वाली सामाजिक, आवासीय और सफाई
व्यवस्था की जरूरत है, जिससे हमारे शहरी इलाके रहने योग्य बन सकें। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
शहरों की महत्ता को जानते हुए यह वादा करती है कि नागरी शासन के लिए वह एक नया मॉडल
प्रस्तुत करेगी, जिसमें आर्थिक रूप से समृद्ध स्वशासी निकाय होंगे।
हम अपने युवाओं को शासन में भागीदारी के
नये अवसर देंगे
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने हमेशा
अपनी युवाशक्ति पर भरोसा जताया है। राजीव गांधी ने 18 वर्ष के युवाओं को मताधिकार प्रदान किया
तथा स्वामी विवेकानंद के जन्मदिन 12 जनवरी को राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की। सूचना प्रौद्योगिकी क्रांति
ने हमारे युवाओं के लिए देश में नए द्वार खोले हैं।
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस एक राष्ट्रीय
युवा स्वयंसेवी कोर की स्थापना करेगी, जिसमें 18 से 23 वर्ष के युवाओं को दो वर्ष तक राष्ट्र
निर्माण की विभिन्न गतिविधियों में भाग लेने का मौका मिलेगा,जिसके लिए उन्हें उचित पारिश्रमिक दिया जाएगा।
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस युवाओं को
सरकार के विभिन्न अंगों में सम्मिलित करने का प्रयास करेगी। इसके लिए सबसे पहले
पंचायत और नगरपालिकाओं में 35 वर्ष से कम उम्र के पुरुष और महिलाओं के लिए कुछ सीटों का आरक्षण इस तरह किया जाएगा
कि इसका प्रभाव अनुसूचित जाति/जनजाति और पिछड़ा वर्ग तथा महिलाओं के लिए वर्तमान
आरक्षण नीति पर नहीं पड़े।
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने समय-समय
पर युवकों, युवतियों और महिलाओं को पार्टी में स्थान देकर उन्हें महत्वपूर्ण
जिम्मेदारियां दी हैं। युवा नेता श्री राहुल गांधी के नेतृत्व में भारतीय राष्ट्रीय
कांग्रेस ने समाज के तमाम तबकों के युवाओं को भारतीय युवा कांग्रेस तथा भारतीय
राष्ट्रीय छात्र संगठन में लाने के लिए एक विशेष अभियान चलाया है। किसी भी
राजनैतिक पार्टी के इतिहास में यह पहली बार हुआ है कि आज पंजाब और उत्तराखंड में सैकड़ों
चुने हुए युवा नेता हैं। इस कार्य को अब गुजरात और तमिलनाडु में चलाया जा रहा है, जिसे देश के बाकी
हिस्सों में बाद में शुरू किया जाएगा। यह भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की युवा-शक्ति के लिए
राजनीति में नये आयाम स्थापित करने की प्रतिबद्धता का नमूना है।
हम भारत के प्राकृतिक पर्यावरण का
कायाकल्प करने के उपाय करेंगे
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने पवित्र
गंगा को राष्ट्रीय नदी घोषित किया है। भारत के प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में इसके
विकास तथा पारिस्थितिक संरक्षण को मजबूत करने के लिए गंगा नदी घाटी प्राधिकरण
(गंगा रिवर बेसिन अथॉरिटी) की स्थापना की गई है। इस प्राधिकरण को विशेष प्राथमिकता
दी जाएगी।
जल-संरक्षण हमारी विशेष आवश्यकता है, जिसके लिए भारतीय
राष्ट्रीय कांग्रेस स्थानीय लोगों के साथ मिलकर ऐसे कदम उठाएगी, जिससे जल संरक्षण को
बढ़ावा मिल सके। भारत में जैव-विविधता को बहुत सी चुनौतियां हैं। भारतीय राष्ट्रीय
कांग्रेस इसके लिए एक जनांदोलन चलाने के लिए प्रतिबद्ध है, जिसका उद्देश्य इन
जैव-संसाधनों को बचाने तथा उनका सही उपयोग करने के लिए होगा। मौसम परिवर्तन भी आज एक
चुनौती के रूप में विश्व के सामने उभरा है। भारत में भी इसका प्रभाव अनेक रूप में
दिखाई देने लगा है। कांग्रेसनीत संप्रग सरकार ने पहले ही इसके लिए एक राष्ट्रीय
कार्ययोजना को लागू किया है। यह हमारे लोगों की आकांक्षाओं और आर्थिक विकास के उच्च
मानदंडों को बनाए रखने का प्रयास है।
इस कार्ययोजना को पूरी तरह कार्यान्वित
किया जाएगा।
हम विज्ञान और प्रौद्योगिकी के ढांचागत
पुनर्निर्माण को बड़े स्तर पर करेंगे
पं. जवाहरलाल नेहरू की सबसे अच्छी सौगात के रूप में विज्ञान और प्रौद्योगिकी ढांचा
हमारे पास है, जिसने कृषि, परमाणु ऊर्जा, रक्षा, अंतरिक्ष, उद्योग, ऊर्जा, दूरसंचार और सूचना प्रौद्योगिकी जैसे क्षेत्रों में देश की प्रगति में महत्वपूर्ण
योगदान दिया है। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस वैज्ञानिक तथा तकनीकीसंस्थानों को
बढ़ावा देने और उनमें देश-विदेश के अच्छे वैज्ञानिकों को आकर्षित के लिए प्रतिबद्ध है।
हम न्यायालयों में देरी को समाप्त करने
के लिए न्यायिक सुधार करेंगे
हालांकि हाल के वर्षों में उच्चतम
न्यायालय में मुकदमों के निपटारे में देरी में काफी कमी आई है,लेकिन उच्च तथा जिला न्यायालयों में अभी
भी देरी काफी चिंताजनक है। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का हमेशा यह मानना रहा है कि न्याय में
देरी अन्याय के समान है। अत: हम न्यायिक सुधार को बढ़ावा देंगे ताकि मामलों की सुनवाई
और निपटारा समय पर हो सके। इसी प्राथमिकता को दर्शाते हुए ग्राम न्यायालय कानून
बनाया गया है, जो हमारे 2004 के घोषणा-पत्र का मुख्य बिंदु था। इस अधिनियम को संसद ने पिछले वर्ष ही पारित किया है।
ग्राम न्यायालयों की स्थापना से ग्रामीण क्षेत्रों में आम आदमी को जल्दी और सस्ता
न्याय सुलभ हो पाएगा।
हम क्षेत्रीय आकांक्षाओं की पूर्ति के
लिए विशेष रूप से जागरुक होंगे
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस यह मानती है
कि कुछ बड़े राज्यों के पिछड़े इलाकों का समग्र विकास नहीं हो पाया है, जिसकी वजह से अलग
राज्यों की मांग भी की गई है। हमने इन क्षेत्रों के लिए कई विशेष योजनाएं
और कार्यक्रम शुरू किए हैं। ऐसे इलाकों में अलग-अलग प्रकार की समस्याएं हो सकती हैं
और उनका निराकरण भी अलग तरीकों से ही किया जा सकता है। इसलिए भारतीय राष्ट्रीय
कांग्रेस इन क्षेत्रों की मांगों को पूरा करने का भरपूर प्रयास करेगी।
हम अपने देश की ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित
करेंगे
पिछले दो वर्षों में ऊर्जा उत्पादन में
काफी तेजी आई है। इस तेजी को बनाए रखा जाएगा और यह सुनिश्चित किया जाएगा कि कम
से कम 12 से 15 हजार मेगावाट की बढ़ोतरी हर वर्ष की जा सके, जिसके लिए कोयला, पनबिजली, परमाणु तथा ऊर्जा
नवीकरण का इस्तेमाल किया जाएगा। ग्राम विद्युतीकरण तथा वितरण में होने वाली बिजली के
नुकसान को रोकना हमारी सबसे बड़ी प्राथमिकता होगी। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस परमाणु
ऊर्जा को स्वदेशी और आयातित तकनीक के आधार पर बढ़ाने का प्रयास करेगी, जो अब नागरिक परमाणु करार से संभव हो पाया
है। तेल तथा प्राकृतिक गैस उत्पादन में तेजी लाई जाएगी। भारत की तेल कूटनीति को
बढ़ावा दिया जाएगा। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस गरीब परिवारों को उचित कीमत पर बिजली
देने की योजना लागू करेगी।
हम अपनी विरासत का संरक्षण और संवर्धन
करेंगे
हमारे देश भारत की सदियों पुरानी शानदार
विरासत है। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस अपनी इस विरासत की रक्षा, संरक्षण और संवर्धन
के काम को इस तरह से सुनिश्चित करेगी कि युवा पीढ़ी इसके मूल्यों को ग्रहण कर
सके। इस कार्य को मूर्त रूप देने के लिए राष्ट्रीय विरासत आयोग की स्थापना की
जाएगी, जो हमारी बहुआयामी संस्कृति और जड़ों को मजबूत करने वाला औजार
साबित होगा।
हम स्वतंत्र और भारत-उन्मुख विदेश नीति
जारी रखेंगे
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने हमेशा
भारत के राष्ट्रीय हितों को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है, जिसकी वजह से कई बार
उसे देश-विदेश में आलोचना और विरोध का सामना भी करना पड़ा है। साथ ही,भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने हमेशा यह
माना है कि उसका संसार के अन्य देशों, खासकर एशिया के अन्य देशों से जुड़े रहना
अत्यंत आवश्यक है।
पिछले पांच वर्षों में हमारी विदेश नीति
के अच्छे परिणाम सामने आए हैं, जिसका सबसे अच्छा उदाहरण नागरिक परमाणु सहयोग पर संयुक्त राज्य अमेरिका, रूस, फ्रांस और कजाकिस्तान से हुए
समझौते हैं।
भारत की सोची-समझी विदेश नीति और
कूटनीतिक प्रयासों के कारण पाकिस्तान को नवंबर, 2008 में मुंबई में हुए आतंकवादी हमलों में
अपने नागरिकों के शामिल होने की बात कबूल करनी पड़ी।
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पाकिस्तान के
साथ हमेशा शांति तथा करीबी आर्थिक रिश्तों की हिमायती रही है।
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने हमेशा
दोनों देशों के लोगों, खासकर युवाओं के बीच मेल-जोल बढ़ाने का प्रयास किया है, लेकिन मुंबई हमलों से
बातचीत और अन्य प्रयासों को धक्का पहुंचा है। अब यह पूरी तरह पाकिस्तान पर निर्भर करता है कि वह
मुंबई हमलों के लिए उत्तरदायी तत्वों पर विश्वसनीय कार्रवाई करके इस संशय को दूर
करे। यदि वह ऐसा करता है और अपनी धरती से संचालित आतंकवादी ठिकानों को नष्ट कर देता
है तो कांग्रेसनीत संप्रग सरकार अनुकूल जवाब देने में देर नहीं करेगी।
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की श्रीलंका
के प्रति यह विदेश नीति रही है कि उस देश में सभी समुदायों,खासकर तमिलभाषियों की समस्या का
सम्मानजनक समाधान हो ताकि वे अपने अधिकारों का उपयोग एकीकृत श्रीलंका में कर सकें। भारतीय
राष्ट्रीय कांग्रेस 1987 के भारत-श्रीलंका शांति समझौते के अनुरूप दोनों पक्षों के बीच सहमति
के लिए मदद का प्रस्ताव करती है क्योंकि 1987का करार समस्या के राजनैतिक समाधान का एकमात्र आधार है।
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस बांग्लादेश
और नेपाल में बहुदलीय लोकतंत्र की बहाली का स्वागत करती है। वह दोनों देशों के
साथ द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने के लिए पूरे प्रयास करेगी, जिससे आपसी हितों की
रक्षा हो सके। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस यह भी मानती है कि दोनों देश भारत के
सुरक्षा अंदेशों पर सही मायनों में ध्यान देंगे।
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने हमेशा
फलस्तीनी जनता की उचित तथा शांतिपूर्ण आकांक्षाओं का समर्थन किया है और
फलस्तीनी राष्ट्र की जल्द से जल्द स्थापना की मांग करती है।
अथक कूटनीतिक प्रयासों के कारण वर्ष 2004 से भारत के साथ अमेरिका, रूस, चीन, जापान तथा अन्य
यूरोपीय देशों के संबंधों में काफी सुधार हुआ है और संबंध काफी सुदृढ़ हुए हैं। भारत
ने अफ्रीकी देशों में भी एक नई शुरुआत की है, जिसकी वहां काफी सराहना हुई है। इन
रिश्तों को और आगे बढ़ाया जाएगा।
हम विकास में आप्रवासी भारतीयों की
भागीदारी को बढ़ावा देंगे
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस अन्य
देशवासियों की तरह विभिन्न क्षेत्रों में आप्रवासी भारतीयों द्वारा किए गए
उत्कृष्ट कार्यों से गौरव महसूस करती है। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस आप्रवासी भारतीयों
द्वारा भेजे गए धन से देश की वित्तीय दशा में काफी सुधार होने के महत्व को समझती है।
इसलिए मई, 2004 में आप्रवासी मामलों के मंत्रालय की स्थापना की गई, जो यह दर्शाता है कि
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस आप्रवासी भारतीय समुदायों के योगदान को कितना महत्व देती है, जिससे हमारी आर्थिक,वैज्ञानिक और तकनीकी प्रगति को बढ़ावा
मिला है। मध्य-पूर्व एशिया में कार्यरत लाखों भारतीय कामगारों को सुरक्षा प्रदान करने
के लिए अनेक उपाय किए गए हैं और यह सब प्राथमिकता के आधार पर किया जा रहा है।
आप्रवासी भारतीयों के लिए उच्च शिक्षण
संस्थान शुरू करने तथा उन्हें कारोबार के क्षेत्र में नई सुविधाएं देने का
प्रस्ताव है, ताकि वे अपनी सही भूमिका अदा कर सकें। ऐसे चार विश्वविद्यालय स्थापित
किए जाएंगे, जिनमें पचास प्रतिशत स्थान पी.आई.ओ./आप्रवासी भारतीय छात्रों के
लिए आरक्षित होंगे।
5. अपील
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पिछले लगभग 125 वर्षों से देश के
सार्वजनिक जीवन के केन्द्र में है।
इसमें भारत की समग्र विचारधाराओं का
समावेश है, जो अन्य किसी दल में नहीं है।
अपने लंबे इतिहास में भारतीय राष्ट्रीय
कांग्रेस की नीतियां, प्राथमिकताएं और उसके कार्यक्रमों के मूल में आर्थिक रूप से समृद्ध, सामाजिक तौर पर
न्यायपूर्ण, राजनीतिक दृष्टि से एकीकृत तथा सांस्कृतिक रूप से समरस भारत की
दृष्टि रही है।
नई चुनौतियों का सामना करने के लिए इसने
कभी अपने मूल सिद्धांतों के साथ समझौता नहीं किया।
देश की जनता ने बार-बार भारतीय
राष्ट्रीय कांग्रेस में अपनी आस्था और उसके प्रति विश्वास प्रकट किया है।
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का यह अनवरत
प्रयास रहा है कि वह लोगों की आषाओं-आकांक्षाओं को पूरा कर सके।
पिछले छह दशकों में बहुत कुछ किया जा
चुका है, लेकिन अभी बहुत कुछ करना बाकी है।
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस हमेशा अपनी
उपलब्धियों पर गर्व करते हुए विनम्रता के साथ लोगों के सामने आई है। लेकिन वह
जानती है कि राष्ट्र के रूप में उसके सामने अभी और बहुत से कार्य करने को हैं।
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस भारत के
लोगों से अपील करती है कि वह अपना वोट उसके योगदान, दृढ़ विश्वास, सरोकार और चार्टर के
आधार पर दें।
इस घोषणा-पत्र के द्वारा भारतीय
राष्ट्रीय कांग्रेस अपने इस निश्चय को दोहराती है कि वह आस्था,वचनबद्धता, संवेदनशीलता और
सक्षमता पर आधारित सामाजिक-आर्थिक बदलाव सुनिश्चित करने में सबसे आगे रहेगी।
इस घोषणा-पत्र के द्वारा भारतीय
राष्ट्रीय कांग्रेस सेवा-भावना तथा आधुनिक भारत की नींव को मजबूत बनाने की अपनी
राजनीतिक प्रतिबद्धता को दोहराती है।
इस घोषणा-पत्र के माध्यम से भारतीय
राष्ट्रीय कांग्रेस देश के जनता-जनार्दन से वादा करती है कि वह अपने संकल्पों को
पूरे मनोयोग के साथ पूरा करेगी।
भारत के विचार को वोट दीजिए, भारतीय राष्ट्रीय
कांग्रेस को वोट दीजिए।
अनेकता में एकता को वोट दीजिए, भारतीय राष्ट्रीय
कांग्रेस को वोट दीजिए।
आर्थिक प्रगति और सांप्रदायिक सद्भाव को
वोट दीजिए, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस को वोट दीजिए।
आर्थिक प्रगति और सामाजिक न्याय को वोट
दीजिए, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस को वोट दीजिए।
सुरक्षा, स्थिरता, निरंतरता और निष्ठा को वोट दीजिए, भारतीय राष्ट्रीय
कांग्रेस को वोट दीजिए।
कांग्रेस को दिया गया हर वोट आपके और
आपके बच्चों के सुनहरे भविष्य के लिए वोट है।