23.12.08

" ख़बर "

ये लो शान्ति बहन मिठाई खाओ ,क्यों बहन किस बात की मिठाई खिला रही हो सरला बहन ,अरे मेरे अशोक की नौकरी लग गई है .अशोक की माँ बोली ,चलो अच्छा हुआ अब तो उसकी शादी की चिंता करो ,अरे चिंता किस बात की मेरा अशोक तो लाखो में एक है उसको तो सर्व गुन संपन पत्नी मिलेगी ,अच्छा चलूँ अशोक आता ही होगा।
अशोक जब छोटा ही था तभी उसके पिता चल बसे बहुत कठिनाई सह कर मेने पालाहै उसे और कितना अच्छा निकला मेरा बेटा बिल्कुल बाप पर गया है कितना कहना मानता है मेरा ,न पान-बीडी ,न सिगरेट -तम्बाकू और न शराब आदि से दूर रहता है अब तो उसकी नौकरी भी लग गई है अब तो बस जल्दी से उसकी शादी कर एक सुंदर सी बहु ले आऊं यही सपना था अशोक के पिताजी का ,।
सोचती जा रही है सरला ,तभी अचानक आवाज आती है ,"बहन जी जरा सुनिए ",सरला मुड़कर देखती है "क्या हुआ ,बहन जी अशोक का एक्सीडेंट हो गया है ."क्या! कह कर सरला बेहोश हो जाती है ।
दुसरे दिन अख़बार में ख़बर छपती है -:
"दुर्खाटना में एक मौत "
'कानपूर ११ जनवरी दिन सोमवार गाँधी चौक के पास एक ट्रक ने स्कूटर चालक को टक्कर मार दी स्कूटर चालक ग़लत दिशा में जा रहा था ,एस्थानीय नागिरिकों की सहायता से स्कूटर चालक को हॉस्पिटल पहुँचा दिया है बाद में स्कूटर चालक ने यंहा दम तोड़ दिया ।
उलेखनीय है की स्कूटर चालक इनकम टैक्स में काम करता था उसके पास से बारामत कागजात से पता चला है की उसका नाम अशोक है और पोस्टमारतं की रिपोर्ट से पता चलता है की मृतक शराब पिए हुए था और शराब पीने का आदि था । "